फिलहाल आए दिन हो रहे हैं बच्चियों से बलात्कार और भारत सरकार इसे रोक पाने में है असमर्थ। हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत सरकार प्रयास नहीं कर रही है परंतु इसके बावजूद भी देश में बलात्कार की घटनाओं में रोजाना वृद्धि ही हो रही है।
बीते 10 सालों के भीतर रेप की घटनाओं में जिस तरह से बेतहाशा वृद्धि हुई है वह देश को शर्मसार करती है। सुबह सुबह अखबार लेकर बैठने पर देश में कहीं ना कहीं से रेप की खबर मिल ही जाती है। यह देश के लिए बहुत ही निराशाजनक है तथा सरकार को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी कोई ऐसा कानून जरूर बनाना चाहिए जिससे कि बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं रुक सके।
देश में जिस तरह बच्चियों से बलात्कार हो रहा है उससे पूरा देश तो शर्मिंदा है ही मगर साथ साथ में भारत की इंटरनेशनल बेइज्जती भी हो रही है। इसके कारण देश की जितनी बदनामी हो रही है और गरिमा को जितनी ठेस लग रही है उसे देखकर सर शर्म से झुक जाता है।
देश के सरकार को समझना चाहिए कि अब वह दिन आ गया है जब सरकार को बच्चियों से बलात्कार रोकने के लिए कड़ा से कड़ा कदम उठाना पड़ेगा। तभी देश की बच्चियों के साथ सही मायने में न्याय हो पाएगा। इसके लिए सरकार को ऐसी कड़ी सजा के प्रावधान करने चाहिए ताकि बलात्कारियों का रूह कांप जाए बच्चियों को छूने से पहले।
इसके लिए हम सब अरब देशों से कुछ सीख सकते हैं। वहां बलात्कार करने वालों का तो सर कलम कर दिया जाता है या फिर फांसी की सजा दे दी जाती है। इस परिस्थिति में भारत में भी कम से कम फांसी की सजा का बलात्कारियों के लिए प्रावधान कर देना चाहिए। इस परिस्थिति में भारत में जब बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है तथा सरकार चाहकर भी बलात्कार की घटनाओं को रोक नहीं पा रही है तो कम से कम फांसी की सजा बलात्कारियों के लिए तय कर देनी चाहिए यही सही रहेगा । फांसी से कम की सजा बलात्कारियों के लिए नाकाफी है। जब सरकार फांसी की सजा का प्रावधान करेगी तो बलात्कारियों के मन में खौफ पैदा होगा तथा यह लोग बच्चियों से रेप करने के बारे में अपने मस्तिष्क में ख्याल तक नहीं लाएंगे।
फिलहाल अगर देखा जाए तो बलात्कारियों के हौसले इसलिए बुलंद है कि वे निडर होकर बलात्कार जैसे घृणित कार्य को अंजाम दे रहे हैं। भारत में कोई ऐसा कानून नहीं है जो बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा दे सके इससे बलात्कारी निडर रहता है तथा उसके हौसले बुलंद रहते हैं। क्योंकि उसे कानून का खौफ नहीं होता। ऐसे में अगर सरकार की ओर से एक कड़ी कानून की व्यवस्था की जाए जिसमें बलात्कारियों को कम से कम फांसी की सजा या आजीवन कारावास की सजा दी जाए तो कहीं बलात्कार की घटनाओं में कमी आ सकती है। अन्यथा बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं शायद ही कम हो पाए।
फिलहाल अगर देखा जाए तो देश में अधिकतर बलात्कारी कानून के पंजे से बचकर बाजारों में खुले घूम रहे हैं। ऐसे में इन अपराधी किस्म के लोगों के हौसले बुलंद होते हैं जिससे वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। मेरे ख्याल से तो इन राक्षसों के लिए जितनी भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाए उतनी ही कम है।
Nice post.This is the most dangerous problem for Indian women today it should be solved otherwise it will be more bigger in future.