आदमी किसी कार्य को अकेला स्वयं ही कर सकता है
किंतु मेरा खुद का मानना है और तजुर्बा भी है कि यदि कार्यो में वह कार्य जो इंसान को महान या महानतम बना देता है वह अकेले ही किया जाता है। कुल मिलाकर अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता परंतु अकेला चना भाड़ फोड़ दे तो इतिहास बन जाता है । निश्चित ही वह चना महान है जो अकेले भाड़ फोड़ दे । यानी साधारणतया आम कार्यों को करने के लिए एक आदमी काफी हो सकता है या बहुत से लोगों की जरूरत पड़ सकती है । परंतु असाधारण कार्यों को करने के लिए आदमी अकेला काफी है। जैसे कि आपको उच्च कोटि का डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, अभिनेता, गायक, संगीतकार, गीतकार, लेखक जो भी बनना है इसमें सिर्फ आप की लगन और मेहनत काम आएगी। इस सब मंजिलों तक पहुंचने के लिए आपके पैरों को अग्रसर होना पड़ेगा । इसमें कोई हाथ नहीं बटा सकता । लेकिन एक चीज तो यह भी निश्चित है कि आप जब इन लक्ष्यों को पूरा कर लेंगे और जब आप श्रेष्ठ सम्मानित या महान बन जाएंगे तो टाइटल भी आपको ही मिलेगा ।
रोजाना सुबह के समय कीजिए यह 5 काम सफलता चूमेगी आपकी कदम
तो इस पोस्ट को लिखने का उद्देश्य यह था कि आदमी किसी कार्य को अकेला कर सकता है भी या कि नहीं। तो दोस्तों अकेले किसी कार्य को कर पाने या ना कर पाने का सवाल परिस्थितियों और उस कार्य पर निर्भर करता है जिस कार्य को किया जा रहा है । साथ साथ ही यह भी सत्य है कि अधिकतर लोग तो अकेले कुछ कर ही नहीं पाते पर जो लोग असाधारण प्रतिभा के धनी होते हैं वह बहुत कुछ अकेले ही करके दिखा देते हैं।