जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व रहा है और सदा ही रहेगा
जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व रहा है और सदा ही रहेगा
जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व है । आदमी आदमी होता है और आदमी आदमी इसलिए होता है कि उसके पास दिमाग है किंतु वास्तव में आदमी आदमी तब होता है जब वह पढ़ा लिखा हो । कोई भी आदमी यदि शिक्षित नहीं है तो समझ लेना चाहिए कि वह आदमी के बीच में गधा है । और नहीं तो क्या शिक्षा के बिना आदमी को गधा ही कहा जाएगा ।
तब भी कुछ लोग कहते हैं कि फलां आदमी तो पढ़ा लिखा नहीं है फिर भी वह सफल है इतना बड़ा आदमी है उतना बड़ा आदमी है। तो ऐसे महान लोगों को अपने दिमाग की बत्ती जला लेनी चाहिए । भाई स्कूल में पढ़ना ही पढ़ना नहीं होता अपने जिंदगी के अनुभव से भी बहुत कुछ पढ़ा सीखा जा सकता है । ऐसे बहुत लोग हैं कि जीवन के अनुभवों से सीख लेकर आगे बढ़ जाते हैं । यह लोग स्कूल तो नहीं गए होते पर जीवन के थपेड़ों से या फिर अपने अच्छे बुरे जीवन के अनुभवों से छोटी छोटी घटनाओं का आकलन करते हुए आगे बढ़ते हैं । तो क्या यह पढ़ने से कम है। आखिर सीखना या पढ़ना लिखना समान ही होता है। कोई स्कूल में सीखता है तो कोई पढ़ाई का प्रबंध ना होने से जीवन से ही सीख लेता है । सो यह मायने नहीं रखता कि आप शिक्षा कहां से ले रहे हैं कोई स्कूल से शिक्षा लेता है तो कोई जीवन से ही शिक्षा प्राप्त कर लेता है ।
जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व रहा है
वास्तव में यह जरूरी नहीं है कि शिक्षा कहां से लिया जा रहा है अपितु यह जरूरी है कि शिक्षा लिया जा रहा है कि नहीं लिया जा रहा है। परंतु यह बात है कि सब कोई अपने जीवन से नहीं सीख सकता । भगवान कुछ खास लोगों को ही यह सामर्थ देते हैं जो जीवन के अनुभवों से सीख सकें । बाकी अधिकतर लोगों को सही गलत का भान कराना पड़ता है । मस्तिष्क का विकास करना पड़ता है । उन्हें इस अनुरूप बनना पड़ता है कि वह अपने जीवन के अनुभव से सीख सकें । यहां तक पहुंचने के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा का प्रबंध हो स्कूलों में दाखिला लिया जाए साथ साथ माता-पिता से भी उचित मार्गदर्शन मिलता रहे। एक बात मैं बता दूं कि अशिक्षित लोगों को गधा कहने का मतलब यह नहीं है कि मैं उनका अपमान कर रहा हूं । मेरा तो इस पर बस इतना कहना है कि जो लोग अशिक्षित है वह शिक्षा के तरफ किसी न किसी प्रकार अग्रसर हो बस इतना सा सोचना है मेरा।
जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व रहा है
कुछ लोगों का तो मानना हो गया है कि क्या होगा पढ़ाई करके जब नौकरी मिलती ही नहीं है । मैं उन लोगों से कहूंगा कि ऐसा नहीं है । आज भी देश में पढ़ाई करने वाले नौकरी प्राप्त कर रहे हैं । तमाम क्षेत्रों में पढ़ लिख लोग नाम कमा रहे हैं । आप जैसे लोगों की प्रॉब्लम यह है कि आप कंपटीशन नहीं करना चाहते हैं । सिर्फ पढ़कर ही नौकरी पाना चाहते हैं तो इतने बड़े देश में संभव नहीं है । आप सोचिए जिस भी क्षेत्र में आप सफल होना चाहते हो उस क्षेत्र में आपसे बेहतर लोग पड़े हैं तो आपका चयन कैसे होगा? यहां एक ही रास्ता है कि आपको अपने चयन के लिए सबसे बेहतर बनना पड़ेगा। हालांकि मैं यह भी पूर्णतया नहीं कह सकता कि पढ़ाई कर लेने से नौकरी मिल ही जाएगी । क्योंकि निश्चित तौर पर देश में बेरोजगारी है जिस कारण पढ़े-लिखे लोग कहीं ना कहीं प्रभावित हो रहे हैं । परंतु यह बात ज्ञात रहे की पढ़ाई लिखाई मात्र नौकरी पेशा के लिए ही नहीं की जाती । नौकरी मिले ना मिले पर हर इंसान का यह कर्तव्य है कि वह शिक्षा ग्रहण करें , क्योंकि शिक्षा ही वह साधन है जिससे अपने कठिनाइयों के साथ साथ देश की कठिनाइयों को भी दूर किया जा सकता है। इसलिए शिक्षा हर हाल में ग्रहण किया जाए तो ठीक होगा ।
जीवन में पढ़ाई का सदा ही महत्व रहा है और सदा ही रहेगा
बात आती है नौकरी की तो उसके लिए अलग से डिप्लोमा या किसी अन्य संस्था के द्वारा टेक्निकल प्रशिक्षण ले सकते हैं । सरकारी नौकरी ना मिलने पर शिक्षक को ही दोष देने से बेहतर है कि हम ऐसे कार्यकुशलता का विकास करें जिससे स्वयं का रोजगार सृजन संभव हो । इस वैज्ञानिक युग में विज्ञान आधारित शिक्षा बहुत जरूरी है। यदि आप स्कूल के बेसिक शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी ग्रहण कर रहे हैं तो मुझे नहीं लगता कि आपको रोजगार की प्रॉब्लम होगी। यहां तक की तकनीकी की शिक्षा के कारण आप अन्य लोगों को रोजगार देने की स्थिति में आ सकते हैं । परंतु आप यह न कहिए कि शिक्षा का महत्व नहीं है । शिक्षा हर हाल में हर इंसान के लिए जरूरी है ।
यदि आपको बेसिक शिक्षा से नौकरी नहीं मिल रही है तो जरूरी है कि स्कूली शिक्षा को इस प्रकार बनाया जाए कि आदमी स्कूल छोड़ने के बाद रोजगार प्राप्त कर सकें । या तो उसे सरकारी नौकरी मिले या वह कोई प्राइवेट जॉब ही आसानी से प्राप्त कर सकें । साथ साथ शिक्षा ग्रहण करने वाले व्यक्ति की भी जिम्मेदारी है कि वह आधुनिक शिक्षा के महत्व को समझें तथा तकनीकी शिक्षा प्राप्त करें , ताकि उसे जीवन में मुश्किलों का सामना ना करना पड़े । परंतु सभी शिक्षा जरूर ले अपना बौद्धिक विकास जरूर करें । शिक्षा के द्वारा नौकरी पाना थोड़ा कठिन है तो इसका तात्पर्य यह नहीं है कि शिक्षा प्राप्त ही नहीं किया जाए । यदि कोई ऐसा करता है तो यह उसकी भूल है और उसकी मूर्खता होगी।
भोजपुरी भाषा देश विदेश में सबसे तेजी से समृद्ध हो रही भारतीय भाषा है
भारत में धार्मिक व जातिगत समस्या का समाधान बेहद ही जरूरी है
व्यवस्था परिवर्तन अति आवश्यक है देश को सुचारू रूप से आगे ले जाने के लिए
दिल की आवाज सुनिए सफलता आपको जरूर मिलेगी