- भारत के 5 ऐसी जगह जहा आज भी काला जादू का प्रभाव सबसे ज्यादा है
भारत के 5 ऐसी जगह जहा आज भी काला जादू का प्रभाव सबसे ज्यादा है :- भारतवर्ष की संस्कृति लगभग 5000 साल पुराणी है। अगर हम इस देश की सांस्कृतिक स्रोत की बात करे तो ये बोल सकते है की भारतवर्ष की संस्कृति किसी एक विशेष स्रोत से नहीं जन्मी है। विभिन्न समय पर भारत भूमि में विभिन्न जाती, धर्म, वर्ण, भाषा, निति-नियम पालन करने वाले लोगो का आगमन हुआ है। इसी करणवर्ष भारत का सांस्कृतिक रूप भी आज काफी विचित्र है।
परंपरागत भारतीय संस्कृति का एक अन्यतम अंश है ‘काला जादू’ (Black Magic). ये फर्क नहीं पड़ता की ये अच्छा है या फिर बुरा लेकिन इस बात को हम कभी नकार नहीं सकते की ‘काला जादू’ भारतीय संस्कृति का एक विशेष अंश है।
आज हम इस लेख में आपको भारतवर्ष के 8 कुछ ऐसे जगहों के बारे में बताएँगे, जहा काला जादू का प्रभाव सबसे ज्यादा है और जहा आज भी मानव बलि प्रथा जैसा भयानक कर्म किए जाते है।
तो चलिए ये 5 मुख्य जगह कौन कौन सी है जान लेते है।
असम का मायोंग (Mayong of Assam): –
सबसे पहला स्थान है मायोंग। ये जगह भारतवर्ष के उत्तर-पूर्वी राज्य असम के जिला मोरीगांव में स्थित है। इस जगह को मध्य समय के भारतवर्ष की जादू विद्या का केंद्र भी माने जाते है। विशाल ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित मायोंग में देवी शक्ति की आराधना तथा तंत्र मंत्र का जाप ज्यादा होता है।
देवी शक्ति को संतुस्ट करके खुदको अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए यहां के जादूकर जीव जन्तुओ की बलि चढ़ाते है। 20 वी सदी के अंत तक मायोंग में मानव बलि प्रथा का भी प्रभाव ज्यादा था।
आज भी बहुत सारे लोग मानते है की यहां के जादूगरों में वो क्षमता है जिसका प्रयोग करके ये किसी बीमारी व्यक्ति को अच्छा बना सकते है और उसी तरह किसी अच्छे व्यक्ति को बीमार बना सकते है। आज से करीबन 10-20 साल पहले बाहर के लोग इस जगह में जाने के लिए काफी डरते थे। हालांकि आज मायोंग एक विशेष पर्यटन स्थल है।
केरल राज्य का पोरिंगटोकारा (Peringottukara of Kerela): –
केरल राज्य की इस जगह में विशेष करके शैतान की पूजा के जरिए काला जादू का प्रयोग किआ जाता है। लोग मानते है की यहाँ के जादूगर शैतान को अपने वश में करके लोगो के जीवन और व्यापर में काफी हानि पहुंचाते है।
ओड़िशा का कुशाभद्र (Kushabhadra of Odisha): –
शिक्षा के मामले में काफी पीछे रहने के कारण ओडिशा के कुशाभद्र इलाके में बहुत ही ज्यादा परिमाण में काला जादू और अन्य अंधविश्वासों का वाहन किआ जाता है। इस जगह में पाए जाने वाले नागा बाबए (Naga Baba) जीव-जन्तुओ की हड्डी और मानव हड्डी की व्यबहार के जरिए भगवान शिव की पूजा करते है। इस जगह पर अभीभी कभी कभी मानव बलि देने जैसी घटनाये घटती रहती है। इन्ही कारणों के वजह से ये जगह पुरे भारतवर्ष में काफी बदनाम भी है।
उत्तर प्रदेश का वाराणसी श्मशान घाट (Shamshan Ghat of Uttar Pradesh’s Varanasi): –
अगर आपने कभी भी खुखार अघोरी बाबाओ के बारे सुना है तो आपको बता दू की ये अघोरी बाबए (Aghori Baba) उत्तर प्रदेश के वाराणसी शमशान घाट में ही पाए जाते है। ये बाबए खुदको अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए मानव मांस का भक्षण करते है। कहा जाता है जब शमशान घाट में किसी मृत मानव को जलाने के लिए लाया जाता है, ये बाबए जलते हुए चिटा से मानव देह को निकालते है और उनका मांस खाते है। सुनने में भयानक लगते है लेकिन ये घटनाये इसी भारत में ही हो रही है। है ना बिलकुल अजीब बात; आप क्या सोचते है ?
असम राज्य का कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple of Assam State): –
असम राज्य की गुवाहाटी महानगर में स्थित कामाख्या मंदिर में भी काला जादू का उपयोग किआ जाता है। देवी शक्ति की आराधना के लिए हर दिन यहां जन्तुओ की बलि दी जाती है। आपको यहां काला जादू का प्रभाव उस समय सबसे ज्यादा देखने मिलेगा जब हर साल जून के महीने में यहां ‘अम्बुबासी त्यौहार’ (Ambubasi Mela) का आयोजन किआ जाता है। ये कड़वा सच्च है लेकिन अम्बुबासी मेला के दौरान या जीव-जन्तुओ के साथ साथ मानव की भी बलि दी जाती है। इसका प्रमाण हमें तब मिला जब 2019 के त्यौहार के दौरान एक मुंडहीन मानव देह इस मंदिर में उद्धार हुआ। सच्चमे काफी भयानक है।
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