मोदी है तो मुमकिन है क्या सच में ऐसा है :- हमारे देश भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी भारत के ही लोकप्रिय नेता नहीं है बल्कि पूरे विश्व के लोकप्रिय नेता है । कोई भी व्यक्ति मोदी जी से भले ही असहमत हो सकता है किंतु उनको इग्नोर करना किसी के लिए भी संभव नहीं है । ऐसा संभव तभी हुआ है क्योंकि मोदी जी का व्यक्तित्व उनका भाषण और उनके कार्य करने का तरीका बिल्कुल ही अनोखा है । अपने इन्हीं सब अनोखे कार्यों की वजह से 2014 से लेकर आज तक मोदी जी सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं और लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं ।
श्री नरेंद्र मोदी जी को लेकर काफी नारे प्रसिद्ध हुए हैं जैसे कि अबकी बार मोदी सरकार, हर हर मोदी घर घर मोदी और मोदी है तो मुमकिन है इत्यादि । 2019 की चुनाव में मोदी है तो मुमकिन है नारा बहुत ही अधिक लोकप्रिय हुआ । यह नारा इतना लोकप्रिय हुआ कि देश के बहुसंख्यक लोगों के सर चढ़कर बोलने लगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में मोदी है तो मुमकिन है का नारा धरातल पर उतरा है?
अगर आप इस नारे को तर्क की कसौटी पर रखकर कसना चाहते हैं तो एक-एक करके उनके सभी वादों पर नजर डाल लेते हैं । अगर दुश्मन पड़ोसी देश को लेकर देखा जाए तो मोदी ने पाकिस्तान के साथ कोई नरमी नहीं दिखाया है । मोदी ने चुनाव में यह वादा किया था कि अगर प्रधानमंत्री बने तो दुश्मन देश को सबक जरूर सिखाएंगे । ऐसे में सर्जिकल स्ट्राइक व आर्थिक घेराबंदी के द्वारा मोदी ने पाकिस्तान को जिस प्रकार से घेरा है उस तरह से भारत के पिछली सरकारों ने नहीं घेरा । ऐसे में मोदी ने अपना वादा निभाया इसमें कोई शक नहीं है।
अब रही बात काला धन लाने की तो इस विषय पर देश के लोग असमंजस में हैं । मैं भी मानता हूं कि काला धन देश में वापस नहीं आ पाया है लेकिन काला धन विदेशों में जाना भी कुछ हद तक कम हुआ है इस बात को भी जरूर मानना पड़ेगा । इस बीच विपक्षी दलों ने काला धन को लेकर मोदी को बहुत घेरा है लेकिन अगर सच बात किया जाए तो मोदी जी ने अपने कार्यकाल में काला धन वापस लाने का प्रयास बहुत ही अधिक किया है । अब इसे लेकर कामयाबी मिली है या नहीं मिली है इसका विश्लेषण राजनीतिक विचारक हमसे बेहतर कर सकते हैं ।
अब आते हैं धारा 370 की बात पर जो बीजेपी पार्टी के चुनावी मेनिफेस्टो का हिस्सा था । 2014 से लेकर 2019 तक मोदी के प्रथम कार्यकाल में ऐसा लग रहा था कि मोदी जी चुनाव में 370 का नाम लेकर अब तक सिर्फ चुनावी फायदा ही उठाते दिख रहे हैं लेकिन जैसे ही 2019 का चुनाव खत्म होता है और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा धारा 370 हटाने का निर्णय किया जाता है तब मोदी जी के नियत पर शक करने का गुंजाइश ही नहीं बचता है । इसी के तरह एक के बाद एक मोदी जी के द्वारा कई फैसले लिए जाते हैं जिनके बारे में उनके द्वारा चुनाव में वादे किए गए थे । जैसे कि तीन तलाक सीएए राम जन्मभूमि इत्यादि । हालांकि फिलहाल देश की आर्थिक रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है फिर भी कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी ने अपने 80 परसेंट वादे पूरे किए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि मोदी है तो मुमकिन है।