भारतीय राजनीति की हालात कुछ ऐसी हो गई है कि विपक्ष एकदम बिखरा हुआ पड़ा है। जब से नरेंद्र मोदी दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए हैं तब से विपक्ष लगभग भारत की राजनीति में नहीं है । फिलहाल तो सिर्फ कहने की कांग्रेस भारतीय राजनीति में विपक्ष का कमान संभाले हुए हैं । लेकिन वास्तविकता में विपक्ष भारतीय राजनीति में दूर-दूर तक कहीं भी नजर नहीं आती है ।
हालांकि विपक्ष ने मीडिया में हो-हल्ला खूब मचाया है लेकिन फिर भी तमाम प्रयासों के बाद भी विपक्ष को कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है । इसका मुख्य कारण यह है कि पूरा विपक्ष नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर केंद्रित हो गया है। विपक्ष उन मुद्दों को उठाने में लगभग असफल रह जाती है जो बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं ।
Opposition will not get success by chanting Modi’s name
कुल मिलाकर कहा जाए तो विपक्ष को मोदी का नाम जपने से फुर्सत मिले तब जाकर वह आम जनता के मुद्दों व हितों पर ध्यान दें। मैं यह नहीं कहता कि मोदी की आलोचना मत करो लेकिन आलोचना सार्थक करो। अब शाहीन बाग को ही ले लीजिए जिस कानून से मुसलमानों का कोई लेना देना नहीं है मुसलमान उसी कानून को हटाने के लिए धरने पर बैठा है और विपक्ष के नेता भी वही जाकर फोटो खिंचवा रहे हैं। ऐसे में ध्रुवीकरण तो हर हाल में होगा जिसका लाभ सीधा बीजेपी को ही मिलेगा ।
वहीं आर्थिक मंदी बेरोजगारी महंगाई इत्यादि ऐसे मुद्दे हैं जिस पर बीजेपी को घेरा जा सकता है । लेकिन इन मुद्दों पर विपक्ष मजबूत तरीके से बात नहीं रख पाता तथा बीजेपी का डटकर सामना नहीं कर पाता । मीडिया में विपक्ष को जहां भी मौका मिलता है वे इन मुद्दों पर बात करते हैं और मोदी का नाम अधिक जपते हैं जिसका फायदा मोदी को ही होता है ना कि विपक्ष को ।
इस बीच मोदी और अमित शाह की भी यही चाल है कि विपक्ष को सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर उलझाए रखा जाए ताकि कोई उनके सामने बेरोजगारी महंगाई तथा आर्थिक मंदी पर सवाल ना खड़ा करे। लगभग यह चाल कामयाब भी होता दिख रहा है। पूरा विपक्ष तथा मोदी विरोधी लोग मुख्य मुद्दे बेरोजगारी महंगाई को भूलकर एनआरसी और सीएए कानून की चर्चा में लगे हुए हैं ।
लेकिन कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी का विरोध करने तथा दिन-रात मोदी मोदी का नाम जपने से कुछ हासिल होता नहीं दिख रहा है और भविष्य में भी मोदी का नाम जपने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। अगर वास्तव में विपक्ष को कामयाब होना है तो उसे मुख्य मुद्दों जैसे आर्थिक मंदी बेरोजगारी गरीबी महंगाई इत्यादि पर फोकस करना होगा तथा सामाजिक मुद्दों पर फिलहाल बीजेपी को झुका पाना संभव नहीं दिख रहा है।
पहले से मजबूत हुई है मोदी राज में देश की विदेश नीति